2008-08-25 13:13:41

हत्या की जिम्मेदारी ईसाइयों पर डालने से उड़ीसा में तनावपूर्ण स्थिति


भुवनेश्वर : उड़ीसा के कन्धामल जिले में विश्व हिन्दु परिषद् के नेता 80 वर्षीय स्वामी लक्ष्मीनन्दा सरस्वती और उसके चार साथियों की हत्या के लिये ईसाइयों को जिम्मेदार ठहराने के प्रयास से क्षेत्र में फिर से तनावपूर्ण स्थिति हो गयी है।
ज्ञात हो कि कृष्णा जयंती की पूर्व संध्या को करीब 30 नक़ाबपोश अज्ञात बंदुकधारियों ने  लोगों पर अंधाधुंध गोलियाँ चलायी जिससे स्वामी लक्ष्मीनन्दा और उसके चार साथियों की मृत्यु हो गयी थी।
माओवादी पीपल्स लिबरेशन रेभोल्युशनरी ग्रूप ने इस हत्या की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है।तथाकथित माओवादी दल के नेता जिसने अपना नाम आज़ाद बतलाया कहा है कि स्वामी धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे थे इसलिये उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
आज़ाद ने यह  सूचना प्रेस कार्यालय में दी फिर भी स्थानीय हिन्दुओं का मानना है कि इस हत्या के पीछे ईसाइयों का हाथ है और ईसाइयों ने बदले की भावना से स्वामी की ह्त्या कर दी है।
स्मरण रहे दिसंबर महीने में कंधामल जिला उस समय सुर्खियों में आया था जब वहाँ के ईसाइयों पर जन्म पर्व के पूर्व आक्रमण किये गये थे और उनके घर-बार और जान-माल की क्षति पहुँचायी गयी थी।
 पुलिस की रिपोर्ट को  नकारते हुए बीजेपी के नेता सुरेश पुजारी ने कहा है लक्ष्मीनन्दा की माओवादियों से कोई दुशमनी नहीं थी इसलिये वे उनकी हत्या नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्वामी धर्मांतरण के विरोधी थे और इसी लिये उनकी हत्या की गयी है।
उन्होंने बताया कि लक्ष्मीनन्दा ने सदा ही धर्मांतरण का विरोध किया साथ ही उस क्षेत्र में ' घरवापसी ' अभियान भी चलाया था। इस क्षेत्र में कार्यरत पुरोहित हिंसा की आशंका से भूमिगत हो चुके हैं । एक जेस्विट पुरोहित ने बताया कि हिन्दुओं ने फिर से क्षेत्र में आतंक फैलाना आरंभ कर दिया है और कई ईसाई संस्थाओं की संपति की क्षति भी की है।
इधर एक समाचार के अनुसार एक काथलिक सोसल वेलफेयर सेंटर जो कंधमाल से 140 किलोमीटर की दूरी पर है की सम्पति को कुछ उग्रवादी हिन्दुओं बरबाद किया और संस्था के वाहन को जला दिया है।  इसी बीच ग्लोबल कौंसिल ऑफ इंडियन चर्चेस ने स्वामी लक्ष्मीनन्दा की हत्या की निन्दा की है।
राज्य गृह सचिव टीके मिश्रा ने केन्द्र से दो अतिरिक्त पारामिलिटरी बटालियन की माँग की है ताकि इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में शांति व्यवस्था पुनः स्थापित किया जा सके।










All the contents on this site are copyrighted ©.