2008-08-16 13:32:43

माता मरिया हमारे लिये आशा और सांत्वना का प्रतीकः संत पापा


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने माता मरियम के स्वर्गोंदग्रहण के महापर्व के अवसर पर कास्तेल गन्दोल्फो स्थित अपने ग्रीष्म कालीन आवास में यूखरिस्तीय समारोह सम्पन्न किया।

उन्होंने हज़ारों की संख्या में उपस्थित लोगों को अपना संदेश देते हुए कहा कि मरिया का सशरीर स्वर्ग में उठा लिये जाने का पर्व मरिया के आदर में मनाये जाने वाला सबसे पुराना पर्व है।

उन्होंने लोगों से कहा कि उन्हें चाहिये कि वे भी माता मरिया की तरह अपनी आत्मा को माता मरिया की मध्यस्थता से नवीन कर लें और उस शक्ति को ग्रहण करें जिसे माता मरिया ने ग्रहण किया था ताकि वे अपने जीवन के सुख दुःख को आशा के साथ ईश्वर को चढ़ा सकें।

उन्होंने आगे कहा कि वाटिकन की द्वितीय महासभा के अनुसार माता मरिया हमारे लिये आशा और सांत्वना का प्रतीक है हम सदा मरिया की ओर देखें और उसी की तरह आशापूर्ण जीवन जीयें तब हम भी ईश्वरीय महिमा देख पायेंगे।

माता मरिया ने येसु का अंतिम तक साथ दिया। उन्होंने अपने पुत्र येसु के साथ कलवरी की यात्रा की और दुःख उठाया और इसी के पुरस्कार के रूप में ईश्वर से सर्वोंच्च महिमा प्रदान की।

संत पापा ने कहा कि हम सब ईश्वर की संतान हैं और मरिया हमारी माता है और येसु हमारे भाई हैं।

माता मरिया और येसु ने अपने जीवन से ईश्वर को प्रसन्न किया और स्वर्ग का पुरस्कार प्राप्त किया हमें भी चाहिये कि हम येसु का अनुसरण करते हुए और माता मरिया की मध्यस्थता से उसी ईश्वरीय पुरस्कार को प्राप्त करें।

इस अवसर पर संत पापा ने लोगों से कहा कि वे माता मरिया से निवेदन करें कि वे हमारे लिये प्रार्थना करें ताकि हमारा विश्वास उसी की तरह मज़बूत हो। एक ऐसा विश्वास जो हमें अपनी बीती जि़न्दगी के कारण कमजोर न करे बल्कि आने वाली खुशी की आशा में उत्साहित रखे ताकि हम हर दम अपना कदम इसी अनन्त
आनन्द की ओर बढ़ा सकें।









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