काथलिक चर्च झारखंड में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करेगी
कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो के इस प्रस्ताव का कि झारखंड में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना
की जाये का झारखंड सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भानु प्रताप शाही ने स्वागत
किया है। भानु प्रताप शाही ने चर्च की इस योजना को अत्यंत महत्वपू्र्ण बताते हुए चर्च
की योजना के साथ पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है और सरकार की ओर से जमीन भी उपलब्ध
कराने और मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु ज़रुरी सब औपचारिकता पूरी करने में हर संभव मदद
दी जायेगी। एशिया के प्रथम आदिवासी कार्डिनल राँची के महाधर्माध्यक्ष टोप्पो ने कहा
है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना झारखंड के इतिहास में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। इस
विश्वविद्यालय से इस क्षेत्र के आदिवासी छात्र-छात्राओं को मेडिकल के क्षेत्र में पढ़ने
और सेवायें देने के ज़्यादा अवसर प्राप्त हो पायेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीट कम होने के कारण कई स्थानीय लोगों को पढ़ने के अवसर नहीं
मिल पाते हैं । उन्होंने आशा जतायी है कि चर्च की इस नयी योजना से इस समस्या का उचित
समाधान हो पायेगा। इस योजना के बारे में बोलते हुए राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री
बन्धु तिर्की ने कहा कि चर्च की योजना झारखंड के लिये विशेषकर के आदिवासियों के लिये
महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चर्च ने सदा ही लोगो की भलाई के लिये कार्य किया है।
मेडिकल कॉलेज खुल जाने से बहुत से आदिवासी डॉक्टर बन पायेंगे और ग़रीबों की सेवा कर पायेंगे। समाज
कल्याण मंत्री जोबा मांझी ने यूकान को बताया कि झारखंड में मेडिकल कॉलेज का खोला जाना
आदिवासियों के लिये एक वरदान सिद्ध होगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी इस क्षेत्र
में अपनी योग्यता दिखा पायेंगे। कार्डिनल ने बताया कि भारत में चर्च के द्वारा संचालित
6 मेडिकल कॉलेज हैं और वे सभी दक्षिण भारत के केरल कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में अवस्थित
हैं कार्डिनल ने बताया है कि सीबीसीआई से इस संबंध में अनुमति मिल जाने के बाद आर्थिक
सहायता और एक उपयुक्त ज़मीन की तलाश की जा रही है ताकि मे़डिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य
आरंभ किया जा सके। मे़डिकल कौंसिल की नियमवली के अनुसार मेडिकल कॉलेज के लिये कम से
कम 25 एकड़ ज़मीन की आवश्यकता है।