2008-07-07 09:29:47

देवदूत प्रार्थना से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश


श्रोताओ, रविवार 06 जुलाई को, रोम शहर के परिसर में, कास्तेल गोनदोलफो स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक प्रासाद के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने दर्शन दिये तथा उनके साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व अपने सम्बोधन में सन्त पापा ने कहाः
“अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
सर्वप्रथम मैं कास्तेल गोनदोलफो के अधिकारियों तथा यहाँ के सम्पूर्ण नागर एवं कलीसियाई समुदाय का आभार दिल से सस्नेह अभिवादन करता हूँ जो सदैव मेरे ग्रीष्मकालीन पड़ाव के दौरान मेरा मैत्रीपूर्ण स्वागत करते तथा मुझे आतिथेय प्रदान करते हैं।

इसके बाद मेरे विचार अभी से ही आस्ट्रेलिया की ओर अभिमुख होते हैं जहाँ, यदि ईश्वर ने चाहा तो, मैं आगामी शनिवार, 12 जुलाई को जाऊँगा। वस्तुतः, उस देश के दक्षिण-पूर्वी भाग स्थित, सिडनी में 23 वाँ विश्व युवा सम्मेलन मनाया जायेगा। विगत माहों में युवाओं का क्रूस सम्पूर्ण ओसियाना से होकर गुज़रा तथा सिडनी में यह एक बार फिर प्रभु येसु ख्रीस्त एवं नई पीढ़ियों के बीच हुई सन्धि का मूक साक्षी बनेगा।

15 जुलाई को युवाओं के स्वागत हेतु एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन है, शनिवार 19 जुलाई को महाजागरण तथा रविवार 20 जुलाई को यूखारिस्तीय समारोह सम्पन्न होगा जो इस घटना का समापन एवं इसका चरम क्षण होगा। आस्ट्रेलिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने बड़ी सूझबूझ के साथ प्रत्येक बात का ख्याल रखा है जिसे नागर अधिकारियों ने पूर्ण समर्थन दिया है। युवक-युवतियों के दल विभिन्न महाद्वीपों से आस्ट्रेलिया के लिये प्रस्थान कर चुके हैं। सम्पूर्ण कलीसिया को मैं आमंत्रित करता हूँ कि प्रभु सेवक जोन पौल द्वितीय द्वारा सन् 1985 में आरम्भ, विश्व से गुज़रती, युवाओं की इस महान तीर्थयात्रा के नवीन पड़ाव में वह स्वतः को उनके साथ महसूस करे।”

सन्त पापा ने आगे कहाः...... “आगामी विश्व युवा दिवस को नवीकृत पेन्तेकोस्त पूर्वघोषित किया गया हैः वस्तुतः, एक वर्ष पहले से ही ख्रीस्तीय समुदायों ने, -“पवित्र आत्मा तुम लोगों पर उतरेगा और तुम्हें सामर्थ्य प्रदान करेगा तथा तुम पृथ्वी के अन्तिम छोर तक मेरे साक्षी होगे” – विषय पर प्रकाशित सन्देश में दिये संकेतों का अनुसरण करते हुए इसकी तैयारी आरम्भ कर दी थी। यही वह प्रतिज्ञा है जो येसु ने पुनःरुत्थान के बाद अपने शिष्यों से की थी और जो आज भी कलीसिया में समसासयिक हैः पवित्र आत्मा ने, जिनकी प्रतीक्षा एवं जिनका स्वागत प्रार्थना में किया गया, विश्वासियों में येसु एवं उनके सुसमाचार के साक्षी बनने का सामर्थ्य उत्पन्न किया। उन्हीं ने कलीसिया की नौका में दिव्य प्राणवायु फूँककर उसे नित्य छोर की तरफ ढकेला ताकि वह, पीढ़ी दर पीढ़ी, हम मनुष्यों के लिये मरे और पुनर्जीवित हुए येसु ख्रीस्त में प्रकट, ईश प्रेम के शुभसमाचार को सब तक पहुँचा सके।”

तदोपरान्त सन्त पापा ने कहाः-------- “मैं यह निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि, धरती के हरएक कोने से, काथलिक धर्मानुयायी, अन्तिम भोजन कक्ष के सदृश, सिडनी में मेरे साथ तथा एकत्रित युवाओं के साथ एक होकर, अतल गहराई से पवित्र आत्मा को पुकारेंगे ताकि पवित्रआत्मा हृदयों को आन्तरिक ज्योति प्रदान करें, उनमें ईश्वर तथा भाई के प्रति प्रेम को जाग्रत करें तथा भाषाओं एवं संस्कृतियों की विविधताओं में येसु के अनन्त सन्देश की प्रस्तावना हेतु उनमें साहस का संचार करें।”

अन्त में सन्त पापा ने इस प्रकार प्रार्थना कीः ..... “क्रूस के साथ साथ विश्व युवा दिवसों पर पवित्र कुँवारी मरियम की प्रतिमा भी साथ रही है। आस्ट्रेलिया में हम अपनी यात्रा तथा सिडनी में युवाओं के साथ मुलाकात को मरियम के ममतामयी संरक्षण के सिपुर्द करें। इसके अतिरिक्त, जुलाई माह के इस प्रथम रविवार को, मरियम की मध्यस्थता को मैं पुकारना चाहता हूँ ताकि ग्रीष्म अवकाशकाल सबके लिये विश्राम तथा शारीरिक एवं आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का सुअवसर सिद्ध हो।”

इस मनोरथ के लिये सबसे प्रार्थना का अनुरोध करने के बाद सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने उपस्थित तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सब पर प्रभु की शांति का आह्वान कर सबको अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया ------------------------------------------------------------







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