श्रीनगरः भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ मंदिर बोर्ड को दी ज़मीन वापस लेने के
निर्णय को लेकर स्थिति फिर तनावपूर्ण
भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को सरकार के उस निर्णय को लेकर एक बार और स्थिति
तनावपूर्ण हो गई है जिसमें अमरनाथ मंदिर बोर्ड को दी गई ज़मीन वापस लेने की बात कही
गई है। हिंसा के भय से कुछ इलाक़ों में कर्फ़्यू भी लगा दिया गया है। ग़ौरतलब है कि
भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद की अध्यक्षता में सोमवार
को हुई बैठक में अमरनाथ बोर्ड को ज़मीन देने के आदेश को निरस्त कर दिया गया था। इससे
पहले अमरनाथ श्राईन बोर्ड को ज़मीन दिये जाने के ख़िलाफ़ कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शन
हुए थे और पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की अगुआई वाली
राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। हिंसा में सैकड़ों घायल हुए थे तथा तीन व्यक्तियों
की मृत्यु भी हो गई थी। मंगलवार को सरकार के उक्त निर्णय के बाद पुनः जम्मू के
कई इलाक़ों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं जिनमें बीस से ज़्यादा
लोग घायल हो गए। एक स्थान पर पुलिस ने गोली चालन किया जिसमें तीन लोग घायल हो गए। इनकी
हालत गम्भीर बताई जा रही है। इस बीच, अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आवंटित जमीन वापस लिए
जाने से सम्बन्धित, जम्मू-कश्मीर सरकार के, फैसले का भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार
ने घोर विरोध प्रकट करते हुए तीन जुलाई को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। उन्होंने
अमरनाथ यात्रा में रुकावट पैदा करने और बोर्ड को आवंटित जमीन वापस लेने के लिए कांग्रेस
अध्यक्षा सोनिया गांधी तथा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को दोषी ठहराया
है।