2008-06-26 09:50:53

अमरनाथ को भूमि दिये जाने के विरोध में जम्मू-कश्मीर में हिंसा


भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं के तीर्थस्थल अमरनाथ को वनविभाग की ओर से 40 हेक्टेयर ज़मीन देने पर उत्पन्न विवाद के बाद सोमवार से श्रीनगर में प्रदर्शन आरम्भ हो गये हैं जिन्हें नियंत्रण में रखने के लिये पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और बल का प्रयोग किया।
प्रमुख अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने बलपूर्वक अनेक स्थलों पर बाज़ार बंद करवाए और कई जगहों पर सड़क जाम कर दी थी। इसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई जिसमें दो प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। इन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।
अलगाववादी नेता गिलानी का आरोप है कि ग़ैर-कश्मीरी हिंदुओं को घाटी में बसाने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड को ज़मीन दी गई ताकि घाटी में मुस्लिम समुदाय का वर्चस्व समाप्त हो जाये।
सरकार का कहना है कि तीर्थयात्रियों के लिए अस्थाई झोपड़ियाँ और शौचालय बनाए जाने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड को ज़मीन दी गई है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड वो संस्था है जो अमरनाथ गुफ़ा तक होने वाली तीर्थयात्रा का पूरा इंतज़ाम देखती है. हर साल हज़ारों की तादाद में तीर्थयात्री अमरनाथ की यात्रा करते है.
वन विभाग की भूमि दिए जाने का विरोध सबसे पहले पर्यावरण के कार्यकर्ताओं ने किया था। बाद में इसके पक्ष एवं विपक्ष में कुछ राजनैतिक दल भी शामिल हो गये। भारतीय जनता पार्टी ने धमकी दी है कि अगर ज़मीन हस्तांतरण के ख़िलाफ़ आंदोलन नहीं बंद किए गए तो वो कश्मीर घाटी में होने वाली ज़रूरी चीज़ों की आपूर्ति नहीं होने देगी।








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