सुसमाचार के बीज प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपनी जड़ जमाये
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने गुरुवार को पाकिस्तान के सात धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय
पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर सामूहिक रूप से संबोधित किया औऱ कहा कि वे चाहते हैं
कि पाकिस्तान में सोलहवीं सदी के प्रथम उत्साही मिशनरियों द्वारा लाये गये सुसमाचार
के बीज प्रतिकूल परिस्थियों के बावजूद अपनी जड़ जमाये। उन्होंने पुरोहितों और धर्माध्यक्षों
को सुसमाचार प्रचार की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि वे आपस में एकता और सहयोग
बनाये रखें तथा यूखरिस्तीय आध्यात्मिकता को केन्द्र बना कर ईश प्रजा की सेवा और भलाई
के लियें अपने आपको समर्पित करें। पौरोहितिक और धर्मसमाजी बुलाहटों के लिये कराँची स्थित
ईशशास्त्र केन्द्र, लाहौर स्थित दर्शनशास्त्र केन्द्र और अन्य प्रशिक्षण केन्द्रों द्वारा
प्रशिक्षुओं को विशेष प्रशिक्षण देने की बात को जानकर संत पापा ने हर्ष व्यक्त किया
इस अवसर पर संत पापा ने कहा कि गुरुकुल छात्रों, धर्म शिक्षकों और लोकधर्मी नेताओं के
प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये ताकि वे अंतरधार्मिक वार्ता के प्रभावी प्रसारक
बन सकें। उन्होंने धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन देते हुए संत पापा ने कहा कि पाकिस्तान
के ख्रीस्तीयों के प्रति उनका यह भी दायित्व है कि वे उन्हें अंतरधार्मिक वार्ता के
लिये तैयार करें और आपसी समझदारी और एकता को बढ़ावा दें। संत पापा ने पाकिस्तान की काथलिक
कलीसिया की तारीफ करते हुए कहा कि पाकिस्तान के काथलिक संस्थान विशेषकर के अस्पताल,
स्कूल और सामाजिक सेवा संस्थानों ने पाकिस्तान की जनता की सेवा के लिये उल्लेखनीय सेवायें
की हैं और ख्रीस्त के प्यार को दिखाया है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान की कुल आबादी की मात्र
एक फीसदी जनता काथलिक अनुयायियों की हैय़