2008-04-30 12:10:53

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश


बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजा घर के प्रांगण में एकत्रित हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा-

मेरी पिछली अमरीका और संयुक्त राष्ट्र संघ का यात्रा की प्रेरितिक यात्रा का बिषय था ‘प्रभु येसु हमारी आशा हैं’। आज मैं उन सब लोगों को धन्यवाद देना चाहूँगा जो मेरी इस यात्रा को सफल बनाने में अपना योगदान दियें हैं। संत पापा ने बताया कि अमरीका की उनकी प्रेरितिक यात्रा के द्वारा वे चाहते थे कि अमरीका काथलिक समुदाय को प्रोत्साहन दें विशेष करके युवाओं को ताकि वे अपने विश्वास का साक्ष्य लोगों को दें और कलीसिया के कार्यों को बखूबी पूरा करें। संत पापा न कहा कि वे चाहते हैं कि अमरीकी काथलिक समुदाय शिक्षा और गरीबों और जरुरतमंदों को मदद करने की दिशा में अपना योगदान दें।

संत पापा ने आगे कहा कि अमरीकी समाज सदा से ही धार्मिक स्वतंत्रता को महत्व देती रही है और यह चाहती है कि धार्मिक स्वतंत्रता तो बढ़ावा मिले ताकि एक ऐसा माहौल तैयार हो जिसमें एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके। संत पापा ने आगे कहा कि राष्ट्रपति और विश्व के अन्य धर्म गुरुओं से मिलकर उन्होंने इस बात को बताया कि वे सदा ही इस बात के लिये समर्पित रहेंगे कि विश्व में सेवा सहयोग और समझदारी की भावना बढ़े और शांति और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार प्रसार के लिये कार्य किया जाये।

संत पापा ने संयुक्त राष्ट्र संघ के अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने यू एन के सदस्यों से कहा कि वे मानवाधिकारों की विश्व घोषणा के प्रति समर्पित रहें जिससे मानव की मर्यादा को बचाया जा सकता है और मनुष्य के जीवन को उचित सम्मान मिल सकता है। ग्राउन्ड जीरो पर जाने के अपने अनुभव को बताते हुए संत पापा ने कहा कि उन्होंने वहाँ पर लोगों के लिये प्रार्थना की औऱ कहा कि उनका विश्वास है कि हिंसा और मौत से बड़ी है लोगों की येसु मसीह में आशा।


इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया। उन्होंने इंगलैंड आयरलैंड मॉल्टा साउथ अफ्रीका कोरिया थाईलैंड कना़डा और अमेरिका लोगों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए और उपस्थित सब तीर्थयात्रियों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
















All the contents on this site are copyrighted ©.