नैशनल शराईन ऑफ दि इम्माकुले़ट कोन्सेप्शन महागिरजाघर में संत पापा का संदेश
नैशनल शराईन ऑफ दि इम्माकुले़ट कोन्सेप्शन वॉशिंगटन डी.सी. में अवस्थित 459 फीट लम्बा
240 फीट चौड़ा और 237 फीट लम्बा एक ऐसा महागिरजाघर है जिसे सभी काथलिक कलीसिया का एक
अति महत्वपूर्ण धरोहर मानते हैं। इसे धन्य कुँवारी माँ मरियम के निष्कलंक गर्भागमन के
आदर में बनाया गया है। यह महागिरजाघर इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुँवारी माँ मरियम
का निष्कलंक गर्भागमन ही पूरे अमेरिका वासियों की संरक्षिका है।
आपको हम यह भी
बता दें कि पूरे अमेरिका में यही सबसे बड़ा महागिरजाघर है और यह विश्व के लाखों तीर्थयात्रियों
का के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह महागिरजाघर मिजीगन अभेन्यू की उस भूमि में स्थित
है जिसे कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका ने दान दिया है। और यह महागिरजाघर संत पापा जोन
पौल नैशनल कल्चरल सेंटर के बहुत निकट है।
अमेरिका के धर्माध्यक्षों और उपस्थित
लोगों को सम्बोधित करते हुए संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा- भाइयों एवं बहनों, मुझे
अपार हर्ष हो रहा है कि मैं अपनी अमेरिकी यात्रा की शुरूआत माता मरिया को समर्पित इस
महागिरजाघर से कर रहा हूँ। मैं सर्व प्रथम कार्डिनल जोर्ज को धन्यवाद देता हूँ और उनके
साथ-साथ अमेरिकन बिशपस कोन्फेरेन्स के सभी धर्माध्यक्षों को धन्यवाद देता हूँ जिनके अथक
प्रयास से मेरी अमेरिका कि प्रेरितिक यात्रा की योजना को कार्यरूप दिया जा सका है। मेरा
विश्वास हैं कि मेरी इस यात्रा से हमारा आपसी विश्वास और एकता मजबूत होगी।
बहनों
और भाइयो, मैं आपको इस बात को बताना चाहूँगा कि बोस्टन, न्यूयोर्क, फिलाडेलफिया और लूईसभिल
के काथलिकों के लिये तो यह वर्ष और ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वे इस वर्ष अपने धर्मप्रांत
की स्थापना की 200वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। आज मैं इस धर्मप्रांत के प्रथम धर्माध्य़क्ष
जोन करोल कि विशेष याद करना चाहता हूँ जिनके योग्य नेतृत्व में बाल्तीमोर का महाधर्मप्रांत
का आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से इतना विकास हुआ कि आपकी प्रगति के प्रकाश से दुनिया के
हजारों लोग ईश्वर के दिव्य वरदानों को पहचाह पाने को सक्षम हो पा रहे हैं।
संत
पापा ने आगे कहा कि धर्माध्यक्षों मैं आप सबों को प्रोत्साहन देते हुए कहना चाहता हूँ
कि विश्व के विभिन्न भूभागों से आपके धर्म प्रांत में आये लोगों का आप स्वागत कीजिये
उनके दुःख सुख में उनका साथ दीजिये और उनकी ऐसी देखरेख कीजिये कि वे हर तरह से प्रगति
कर सकें। मैं आज विशेष रूप से अमेरिका के काथलिक बहनों और भाईयों की सराहना करना चाहता
हूँ उन चुनौति भरे पलों में एक दूसरे का साथ देने और मानवतावादी कार्यों के लिये कंधे
से कंधा मिलाकर कार्य करने लिये जव सितंबर 2001 में ट्वीन टावर को ध्वस्त कर दिया गया
था जब 2005 में कतरीना हैरिकेन की प्राकृतिक विपदा आयी थी। दिसंबर 2004 मे सुनामी से
पीड़ित लोगों के लिये भी अमेरिका के काथलिकों ने जो उदारतापूर्ण कार्य किये वे तारीफ़
के योग्य हैं।
भाईयो एवं बहनों, मैं यह भी बताना उचित समझता हूँ कि अमेरिका वासियों
की भगवान पर अपार आस्था है । आप बाइवल में छिपी नैतिक मूल्यों के अनुसार जीवन बिताने
के लिये सदा तत्पर रहते हैं औऱ आप में अन्य धर्मों के प्रति सम्मान भावना है यह तो एक
मिसाल है और यह भी एक कारण है कि पूरी दुनिया के कोने-कोने से लोग यह बसना पसन्द करते
हैँ।
संत पापा ने फिर से धर्माध्यक्षों का ध्यान अपनी ओर खींचते हुए कहा कि
धर्माध्यक्षो इसी संदर्भ में मैं आप लोगों यह बताना चाहता हूँ कि अमेरिकी जीवन की इन्हीं
विभिन्नताओँ में आप को सुसमाचार के बीच को बोने की चुनौती है ताकि येसु मसीह में सब कुछ
नया हो जाये जो कि हमारी आशा हैं। मैं आपको यह याद दिलाना चाहता हूँ कि जौभि के अमेरिका
के लोगों में धार्मिकता की भावना कूट-कूट कर भरी है फिर भी ईश्वर के राज्य के बीज बोने
के मार्ग में जो बाधायें हैं उन्हें दूर किये जाने की आवश्यकता है। आज हम आर्थिक प्रगति
करते के साथ-साथ इस तथ्य को नहीं भूल सकते हैं कि कई लोग गरीब, दलित और शोषित हैं। कई
लोग सेक्स संबंधी उन बातों को बढ़ावा देते हैं जो कि काथलिक शिक्षा के विरूद्द है। कुछ
लोग सोचते हैं कि धार्मिक जीवन उनका व्यक्तिगत मामला है। इस प्रकार के झुकाओं का उचित
जवाब दिया जाना चाहिये। अमेरिका की एक दूसरी चुनौती है यहाँ के लोगों का भौतिकतावाद
की ओर झुकाव। ऐसा प्रयास किया जाये कि लोग सिर्फ ईश्वर को अपने जीवन में उचित स्थान दें
ताकि उन्हें अनन्त जीवन मिल सके। आप लोगों के ख्रीस्तीय जीवन को ऐसा संस्कारों के द्वारा
ऐसा सिंचित करें कि लोगों का संबंध येसु जो हमारी आशा हैं से सुदृढ़ हो।
जो राष्ट्र
धनी होते हैं वहाँ के लोग अपने को इतने आत्मनिर्भर और स्वतंत्र समझने लगते हैं कि उनमें
एक-दूसरे के प्रति निर्भरता का भाव कम होने लगता है। मैं सबों को यह याद दिलाना चाहता
हूँ कि ईश्वर ने मनुष्य को बनाया ताकि वह ईश्वर को उचित आदर दे, प्यार करे और मानव
की सेवा करे।
संत पापा ने धर्माध्यक्षों को यह भी कहा कि अमेरिका में अनेक लोग
हैं जो स्वभाव से उदार उनके दिलों को इस तरह से प्रभु की आत्मा को इस तरह से डालने की
आवश्यकता है कि वे दूसरों की मदद के लिये सामने आ सकें।चूँकि आप सब सुसमाचार के प्रचारक
हैं आपका यह कर्तव्य है कि आप संचार के साधनों का उपयोग करते हुए विश्व के सब लोगों को
आशा का संदेश दीजिये।
संत पापा ने कहा कि नैतिक मामलों में धर्माध्यक्षों को चाहिये
कि वे काथलिक कलीसिया के मापदंडों के अनुसार ख्रीस्तीय समुदाय का मार्गं निर्देशन करें।
इसके बाद संत पापा ने विवाह और पारिवारिक जीवन को मजबूत करने की बातों को जोर देते हूए
कहा कि परिवार ही सुसमाचार प्रचार की सबसे प्रथम और उत्तम जगह हैं जहाँ पर विश्वास
का वीज है जहाँ युवाओं को धर्म का महत्व और धर्म के अनुसार अपना जीवन जीने का अभ्यास
दिलाया जाना चाहिये।
बच्चों के बारे में बोलते हुए संत पापा ने कहा कि बच्चों
को परिवार और में उचित वातावरण दिया जाना चाहिये ताकि उनका विकास उचित तरीके से हो और
वे मानव जीवन के मूल्य और आपसी रिश्तों को अच्छी तरह से समझ सकें। संत पापा ने धर्माध्यक्षों
यह भी याद दिलाया कि वे पुरोहितों को उचित मार्गदर्शन दें और उनके कठिन परिस्थितियों
में अपना साथ दें और अपने अच्छे उदाहरण से उनकी अगवाई करें।
संत पापा ने प्रार्थनामय
जीवन पर बल देते हुए कहा कि प्रार्थना में समय बिताना कभी भी समय की बरवादी नहीं है।
और अन्त में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि वे अमेरिका की पूरी कलीसिया को निष्कलंक
माँ मरियम के चरणों में सौप देते हैं वही सब अमेरिका वासियों की रक्षा करें और आशीर्वाद
देते हुए कहा कि वही पुनर्जीवित येसु मसीह जो पूरी दुनिया की आशा हैं जिन्हें निष्कलंक
माँ मरियम जन्म दिया आप सबों को आशा खुशी और शांति दे और आपके जीवन नया कर दे।