2008-04-08 09:53:58

तलाकशुदा लोगों और गर्भपात से पीड़ित माताओं को सहानुभूतिपूर्ण दया दिखायें


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि चर्च को चाहिये कि वह तलाकशुदा लोगों और गर्भपातशुदा माताओं के साथ सहानुभूतिपूर्ण दया दिखायें क्योंकि तलाक और गर्भपात व्यक्ति के दिल को भीतर से घायल कर देता है।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जव वे 5 अप्रैल शनिवार को परिवारों के लिय बनी परमधर्मपीठीय समिति के अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिये एकत्रित प्रतिनिधयों को संबोधित कर रहे थे।

संत पापा ने आगे कहा कि जौभि कि काथलिक कलीसिया के लिये गर्भपात और तलाक गंभीर मामला है पर इस चुनौती से जूझ रहे लोगों के साथ सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जाना चाहिये और उन्हें मानव होने का पूरा सम्मान दिया जाना चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि कलीसिया का सबसे बड़ा कर्तव्य है कि वह यह देखे कि तलाक और गर्भपात से पीड़ित लोगों को काथलिक समुदायों के द्वारा ईश्वरीय प्रेम दया और क्षमा का गहरा अनुभव हो। कलीसिया को ऐसे लोगों के साथ सच्चे और भले समारितन की भूमिका अदा करनी चाहिये। हमें उनके जख्मों में तेल डालना चाहिये और कलीसिया रूपी अस्पताल में हरदम शरण देनी चाहिये।

इस अवसर पर कलीसियायी दस्तावेज़ ‘ईभानजेलुम भिते’ के शब्दों को दुहराते हूए संत पापा ने तलाकशुदा और गर्भपात से पीडित लोगों से कहा कि वे निराश न हों पर ईश्वर की दया पर भरोसा रखें और अपने जीवन में आशा बनाये रखें। उन्होंने कहा कि ईश्वर दयालू हैं और वे सबको उनके पापों से मुक्त करते हैं।
संत पापा ने कहा कि यदि हम ईश्वर के सामने नम्र बनें तो हमें ईश्वरीय कृपा के सहभागी होने से कोई नहीं रोक सकता है।








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