2008-03-24 20:08:27

कलीसियायी दस्तावेज़ - एक अध्ययन


काथलिक कलीसिया के सामाजिक सिद्दांतों का सार संग्रह काथलिक कलीसिया का एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हैं जिसे संत पापा जोन पौल द्वितीय के आग्रह पर न्याय और शांति के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति ने तैयार किया है।

यह दस्तावेज़ काथलिक कलीसिया की शिक्षा, सिद्धांतों एवं मूल्यों के आधार पर सत्य को पाने की एक मार्गदर्शिका है जिसके आधार पर व्यक्ति का सामाजिक जीवन अर्थपूर्ण होगा और सार्वजनिक हित के कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।

काथलिक कलीसिया के सिद्दांतों का सार संग्रह के तीन भाग हैं। इसके पहले भाग में मनुष्य के लिये ईश्वर की योजना, कलीसिया के कार्य और मानव के अधिकार और कर्तव्यों के बारे में बताया गया है। दूसरे भाग में परिवार का महत्व, व्यक्ति का सामाजिक आर्थिक राजनीतिक और अन्तराष्ट्रीय जीवन और पर्यावरण तथा शांति के बारे में बारे में बताया गया है।और इस दस्तावेज़ के तीसरे और अन्तिम भाग में कुछ व्यवहारिक सुझाव दिये गये हैं जिसके द्वारा कलीसिया के सामाजिक सिद्धांतों को व्यक्ति अपने जीवन में लागू कर सकता है।

इस दस्तावेज़ के द्वारा काथलिक कलीसिया चाहती है कि लोग आज के समाज में उठ रहे ज्वलंत सवालों का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर सकें और एक साथ जीने का एक ऐसा रास्ता खोजें जिसमें एक ओर तो लोगों को सुसमाचार के मूल्यों को बताया जा सके तो दूसरी ओर सदभाव, समभाव और सर्वजनाय हिताय की भावना को सिंचित करते हुए लोग एक अर्थपूर्ण एवं परहितमय जीवन जीने का मार्गदर्शन भी प्राप्त कर सकें।


1.श्रोताओ अब काथलिक कलीसिया अपनी स्थापना के तीसरे सहस्त्राब्दी में प्रवेश किया है कर लिया है और अपने भले चरवाहे येसु मसीह के नेतृत्व में एक तीर्थयात्री की तरह ईश्वर की खोज में प्रयासरत है। ईसाईयों के लिये येसु मसीह ही वह दरवाजा है जिससे होकर ख्रीस्तीय मुक्ति प्राप्त करते हैं। जैसा कि ईसा ने खुद ही कहा था कि वे मार्ग,सत्य और जीवन हैं।और जब भी हम इसके बारे में चिन्तन करते हैं हम येसु पर अपना विश्वास मजबूत करते हैं और यह आशा व्यक्त करते हैं कि येसु मसीह ही हमारा मसीहा है और हम सबका लक्ष्य भी वही हैं जहाँ हम एक दिन पहुँचना चाहते हैं।








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